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बातें

खुद की बातें, खुदा की बातें सब की बातें, रब की बातें अब की, तब की, न जाने कब की बातें अंदर की और बाहर की बातें बहुत ही बेकार की बातें सार्थक हो वो सार की बातें इस की, उस की, न जाने किस की बातें नापसंद परेशानियों की बातें पाठ पढ़ाती नादानियों की बातें संभलने वाली सावधानियों की बातें यहाँ की, वहा की, न जाने कहा की बातें पीतल और सोने की बातें पाने और खोने की बातें हंसने और रोने की बातें ऐसे और वैसे की बातें न जाने कैसे की बातें मीठे कड़वे स्वाद की बातें वाद और विवाद की बातें कोलाहल के शोरो में चुपके से हुए संवाद की बातें मुंह से निकले स्वर की बातें निशब्द कविवर की बातें बातें  

खबर

  मा , बहू , और बेटियां फिर से विचार तक आ पहुंची हैं एक और बार वो ही खबर अखबार तक आ पहुंची हैं जाति , धर्म , समाज ने हमें सिर्फ किरदारो से हीं जाना था नौबत अब तो हमारे वजूद के इनकार तक आ पहुंची हैं गानों , चुटकुलों , और फोटो में जो सहमी सी थी रोज सदियों से दी हुई गालियां अब गुहार तक आ पहुंची हैं पुरुषों और पुलिसवालों से तो डरकर ही जिये हैं हम निसहायता की मिसाल अब सरकार तक आ पहुंची हैं

सोचा हैं कभी?

  घट रहे थे या बढ़ रहे थे, सोचा हैं कभी? किसकी लड़ाई लड़ रहे थे ? सोचा हैं कभी?   चढ़ना तो मुश्किल था, उतरना और कठिन ये कैसे पहाड़ चढ़ रहे थे ? सोचा हैं कभी?   गाय और भाई, दोनों ही तो मरे थे ना! तेरे आंसू क्यों पड़ रहे थे ? सोचा हैं कभी?   शराफ़त का ताल्लुक तो समजदारी से हैं फिर तुम क्यों अकड़ रहे थे? सोचा हैं कभी? उम्र के साथ बदलाव तो लाजमी हैं, अजब पक रहे थे की सड़ रहे थे ? सोचा हैं कभी?  

कैद

कोई काम में, कोई आराम में कोई ख़ास में, कोई तमाम में भरी महफ़िल के धमाके में कोई या, बंद कमरे के सन्नाटे में कोई   कुछ लकीरों में, कुछ अल्फाजो में कुछ सुर, ताल, और अंदाजो में   कोई जानेवाले की चाहत में कोई आनेवाले की आहट में   कभी अपने में, कभी जपने में कभी पुरे अधूरे सपने में   कोई खुद में, कोई समाज में कोई सरेआम तो कोई राज में   कुछ प्यार में, कुछ बाज़ार में कोई वैराग्य तो कोई संसार में   हो चुके की जिक्र में कोई तो, ना हुए की फ़िक्र में कोई   कैद हैं हम सब|   हा, कैदखाना बदलने की आज़ादी जरुर है |  

मस्त

मस्त मौला, मस्त फकीरी, मस्ती में ही जीना रोजा, सावन, ईद, दीवाली, रब जो जो जब जब दीना मस्त मौला, मस्त फकीरी, मस्ती में ही जीना   शहद सी मीठी जिंदगी,कभी कड़वाहट की प्याली दो हाथो से लुटे अमीरी, कभी जेबे हो सब खाली घट घट से मिले जो भी, घूंट घूंट भर पीना मस्त मौला, मस्त फकीरी, मस्ती में ही जीना   मस्त मौला, मस्त फकीरी, मस्ती में ही जीना रोजा, सावन, ईद, दीवाली, रब जो जो जब जब दीना मस्त मौला, मस्त फकीरी, मस्ती में ही जीना